कानजी स्वामी वाक्य
उच्चारण: [ kaaneji sevaami ]
उदाहरण वाक्य
- आत्म स्वभाव के लक्ष्य वाला जीवन ही आदरणीय है, इसके सिवाय दूसरा जीवन आदरणीय गिनने में आया नहीं | विकल्प में स्वयं का अस्तित्व मानने से और महातम्य भाव से ही मिथ्यात्व है | पूज्य गुरुदेव श्री कानजी स्वामी
- अपनी स्वाधीनता की बात जब तक रूचि में नहीं बैठे, तब तक स्वभाव की सनमुखता नहीं हो सकती, और तब तक आत्मा का हित भी नहीं होता.......! हे जीव अभी भी वक्त है...| पूज्य गुरुदेव श्री कानजी स्वामी